यीशु की ओर देखें

बाइबल से दिशानिर्देश पाएं

हमारा जीवन कभी-कभी अत्यंत कठिन हो सकता है पर परमेश्वर ने हमें सिखाने के लिए एक सहायता उपलब्ध कर दी है। हमारी सहायता बाइबल में है।


क्या आपने बिना किसी सिखाने वाले की मदद के जीवन में कोई कठिन कार्य करने की कोशिश की है? आपको शायद थोड़ी मदद की आवश्यकता थी।

हमारा जीवन कभी-कभी अत्यंत कठिन हो सकता है। पर परमेश्वर ने सिखाने के लिए हमें एक सहायता उपलब्ध करा दी है। हमारी सहायता बाइबल में है पर यह उससे कहीं अधिक करती है…॥

आपको प्रेम करने वाले का वर्णन

बाइबल हमारे रचयिता परमेश्वर का प्रेम पत्र है। वह आपसे इतना प्रेम करता है कि वह दुःख उठाने और मरने आया ताकि आप अनंतकाल तक उसके साथ जीवित रह सकें। हालाँकि बाइबल थोड़ी कठिन लग सकती है पर परमेश्वर ने वचन दिया है कि उसकी पवित्र आत्मा सारे सत्य की ओर आपका मार्गदर्शन करेगी। वह आपको अपने विषय में महत्वपूर्ण तथ्यों को उजागर करेगी और यह भी कि उसके पीछे चलने का/अनुगमन करने का क्या अर्थ है?

बाइबल को एक ऐसी पुस्तक न समझें जिसे केवल एक विशेष प्रशिक्षण पाए लोग ही समझ सकतें हैं। बाइबल सबके लिए है।यह परमेश्वर के विचारों से भरी है: स्वयं परमेशवर के विषय में विचारों से और हमारे विषय,जिन्हें उसने संसार की स्थापना करने के पूर्व ही से प्रेम किया है (इफिसियों १:४)।

आपको बाइबल में क्या मिलेगा?

आप अपने आज के जीवन के लिए वास्तविक सहायता प्राप्त कर सकतें हैं। आशा जो आपको आगे चलाती है, सच्चाई जो आपको स्वतंत्रता प्रदान करती है और आपके जीवन को अर्थ देती है। आपके लोगों के साथ संबंधों के विषय मार्गदर्शन, सबसे बढ़कर यह यीशु के विषय में बताती है जिसने कहा “क्योंकि पुस्तक में मेरे विषय में ऐसा ही लिखा हुआ है” (भजन संहिता ४०:७)।

बाइबल परमेश्वर की कहानी है। मसीह ने अपने सामर्थ्य के वचन से सब वस्तुओं की सृष्टि की और संभालता है (इब्रानियों १:३)। फिर भी उसने अपने को दीन किया और हमारे लिए मनुष्य के रूप में प्रकट हुआ (फ़िलिप्पियों २:८,९)। उसने हर उस प्रकार के मोहजाल का सामना किया, जो हमारे जीवन में भी है और फिर भी निर्दोष और पवित्र रहा। वह हमारी पीडाओं को समझ सकता है क्योंकि उसने भी पीडाएं झेलीं। क्योंकि वह हमारे लिए क्रूस पर मारा गया वह हमें सारे पापों से क्षमा कर हम सिद्ध बनाता है। मसीह ने मृतकों में से जी उठकर मृत्यु के उपर अपना सामर्थ्य प्रकट किया। यीशु मसीह ही बाइबल का सच्चा लेखक है वैसे ही जैसे वह हमारे अनंतकाल के उद्धार का लेखक और परिपूरक भी है।

यीशु मसीह की और उसके वचनों में देखें

बाइबल का पठन केवल यीशु मसीह की कहानियों की ओर देखना नहीं है, यह वास्तव में यीशु की ओर देखना है। वचन जीवित और प्रबल है (इब्रानियों ४:१२) यह जीवित है क्योंकि यीशु ही वचन है (यूहन्ना १:१) चाहे वह आपके लिए मारा गया, यीशु मसीह आज जीवित है। वह आपके विचार और आपकी योजनायें जानता है। जैसे-जैसे आप उसके साथ और उसके वचन के साथ समय व्यतीत करते हैं, वह आपको आशा देता है जो आपके प्राण के लिए एक लंगर है (इब्रानियों ६:१९)।