यीशु की ओर देखें

पवित्र आत्मा कौन है?

पवित्र आत्मा कौन है? यह अचरज करने में आप अकेले नहीं है।


क्या आपने कभी अचरज हुआ है कि पवित्र आत्मा कौन है? आप अकेले नहीं है।।यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के शिष्यों ने यह कहाँ “हमने तो कभी यह सुना तक नहीं कि पवित्र आत्मा है?” (प्रेरितों १९:२)

चलिए, हम परमेश्वर के वचन से पवित्र आत्मा के विषय में जानकारी ले और जाने कि यह इतना महत्वपूर्ण विषय क्यों है:

पवित्र आत्मा कौन है?

वह परमेश्वर का और स्वंय मसीह का आत्मा है (रोमियो ८:९)। यूहन्ना १६:१३ के अनुसार “पवित्र आत्मा हमें सत्य के मार्ग पर ले चलता है……”

पवित्र आत्मा का कार्य क्या है?

पवित्र आत्मा हमें सांत्वना देते है (यूहन्ना १४:१६) हमारे लिए प्रार्थना करते है (रोमियो.८:२६)। हमें सत्य का मार्ग बताते है (यूहन्ना १६:१३)। ये केवल पवित्र आत्मा के कुछ कार्य हैं ।

पवित्र आत्मा कहाँ है?

पवित्र आत्मा हर जगह है (भजन संहिता १३९:७,८) और इसके साथ हमारे अन्दर निवास करता है । “तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मंदिर है, जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हे परमेश्वर की ओर से मिला है । (१ कुरिन्थियों ६:१९)

पवित्र आत्मा क्यों आयें?

यीशु को महिमा देने के लिए और हमें उसका सुसमाचार चारों ओर फैलाने का सामर्थ्य देने के लिए: “परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा, तब तुम सामर्थ्य पाओगे और येरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में और पृथ्वी के छोर तक मेरे गवाह होंगे।” (प्रेरितों के काम १:८)

हमारे जीवन में पवित्र आत्मा का सामर्थ्य

गलतियों ५:१६ के अनुसार:“पर मैं कहता हूँ, आत्मा के अनुसार चलो तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।”

अन्य धर्म हमें जीने के लिए नियत मार्ग बतातें हैं परन्तु केवल मसीही विश्वासियों के पास परमेश्वर के मार्ग पर चलने का सामर्थ्य है: हमारे अन्दर पवित्र आत्मा निवास करता है। हम इस सामर्थ्य से किस प्रकार जुड़ सकते है?

  • आपके अन्दर पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन पाने की इच्छा होनी चाहिए (मत्ती ५:६)
  • पापों का अंगीकार करें (१ यूहन्ना १:९)
  • अपने जीवन का प्रत्येक क्षेत्र परमेश्वर को सौंपें (रोमियो १२:१,२)
  • उसके आदेश और वचन के अनुसार आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ (इफिसियों ५:१८) विश्वास के साथ पवित्र आत्मा के सामर्थ्य का दावा करें (यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं तो वह हमारी सुनता है (१ यूहन्ना ५:१४)

आप परमेश्वर से स्वयं बात कर सकतें हैं और इस प्रकार कहें:“प्रिय परमेश्वर, मुझे आपकी आवश्यकता है। मैं अपनी सारी गलतियों के लिये माफी चाहता हूँ। कृपया मेरी सहायता करें। मैं जानता हूँ कि मेरे पाप क्षमा कर दिए गयें हैं क्योंकि आपने यीशु को क्रूस पर मरने के लिए भेजा। मुझे क्षमा करने के लिए धन्यवाद। मैं चाहता हूँ कि यीशु आप मेरे जीवन को अपने नियंत्रण में ले। कृपया मुझे अपनी पवित्र आत्मा से परिपूर्ण करें, मुझे अपना विवेक और सामर्थ्य दें। ताकि मैं एक ऐसा जीवन जी सकूँ, जो आपकी महिमा का कारण बने”

यीशु पर ध्यान लगायें

आपको अपने पवित्र आत्मा से भरने के लिए और ऐसा जीवन जीने की सामर्थ्य देने के लिए, जो उसकी महिमा का कारण बन सके।