यीशु की ओर देखें

चर्च आपका परिवार है

चर्च अथवा कलीसिया मण्डली, जो स्थानीय विश्वासियों का समूह है– आपकी आत्मिक उन्नति में आपका प्रोत्साहन और मार्गनिर्देशन करेगी।


जब आप यीशु के अनुयायी बने, आपका नया जन्म हुआ (यूहन्ना ३:३)। क्या आप अपनी कल्पना एक ऐसे नवजात शिशु के रुप में कर सकतें हैं, जो अभी घर आया है और जिसे उसके माता-पिता ने बिन खाना दूध, प्रेम कुछ भी दिये, कपड़े बिन बदले फर्श पर अकेले छोड़ दिया हो? वह बहुत भयावाह होगा!

चर्च/ कलीसिया मण्डली-एक इमारत नहीं अपितु लोगों का समूह है

जैसे की सांसारिक माता – पिता सुनिश्चित करतें हैं कि आपको भोजन और प्रेम मिले, चर्च-आपकी स्थानीय कलीसिया आपको आपकी आत्मिक उन्नति के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देगी। सबसे मुख्य कार्य जो आपकी कलीसिया करती है वह आपको सुसमाचार के मुख्य बिंदुओं को अक्सर याद दिलाना का है:

  • यीशु मसीह आपके पापों के दंड के लिए मारा गया और मृत्यु पर अपना सामर्थ दिखाने के लिए तीसरे दिन जी उठा
  • प्रत्येक जिसने विश्वास के साथ परमेश्वर के उपहार को ग्रहण किया है पापों से मुक्ति पाकर परमेश्वर की संतान बन गया
  • यीशु प्रत्येक विश्वासी के हृदय में पवित्र आत्मा के द्वारा वास करता है और उन्हें परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला जीवन जीने की सामर्थ्य देता है

चर्च एक दल है

केवल आपको ही चर्च अथवा स्थानीय कलीसिया की नहीं अपितु चर्च को भी आपकी आवश्यकता है! इस प्रकार की फ़ुटबाल टीम की कल्पना करें जिसमें हर कोई गोलरक्षक बनना चाहता हो। गोलरक्षकों से बनी टीम कितनी हास्यास्पद होगी यह बात! परमेश्वर ने कलीसिया की रूपरेखा भिन्न-भिन्न भूमिकाओं के साथ तैयार की है – जिसका अर्थ यह है कि टीम आपके बिना और आप टीम के बिना अधूरे हैं पूर्ण नहीं।“परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगों को अपनी इच्छा के अनुसार एक-एक करके देह में रखा है। यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहाँ होती? परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है,” (१ कुरिन्थिन्यों १२: १८-२०)

अपने को भेड़ियों के हवाले न करो

जब भेड़ियों का एक झुण्ड शिकार करने जाता है, तो वह नवजात और कमज़ोर पशुओं को झुण्ड से अलग करने की कोशिश करता है जिन्हें वे आसानी से पकड़े और खा जाये। शैतान भी भेड़ियों की तरह लोगों को निगलने की खोज में रहता है (१ पतरस ५:८)। दूसरे विश्वासियों के साथ समय व्यतीत करके आपका विश्वास दृढ़ होगा। आप शैतान का सामना कर पाओगे और वह तुमसे भाग निकलेगा (याकूब ४:७)।

मसीह की ओर ध्यान करो

क्या आप अन्य विश्वासियों से नियमित रुप से मिलते हैं? यदि नहीं, तो परमेश्वर से आपको ऐसे दृढ़ विश्वासियों के समूह ढूँढने में सहायता मांगें। वह जानता है कि यीशु के अन्य अनुयायियों और आत्मिक परिवार से जुड़ने की आपको कितनी अधिक आवश्यकता है। और इस समाचार को ऐसे किसी के साथ बाँटे जिसे इसकी आवश्यकता है। यदि आपके पास कलीसिया परिवार नहीं है तो परमेश्वर को आपके इलाके में दिखने के लिए प्रार्थना करें।