यीशु की ओर देखें

यीशु मेरा उद्धारकर्ता है

आप अपने उद्धार के विषय में कैसे निश्चित हो सकते है?


यीशु को स्वीकार करने के निर्णय के पश्चात आपके मन में शंका भावना है तो आप अकेले नहीं है। आप किस प्रकार यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपने उद्धार पाया है? मसीही यह विश्वास कहाँ से पातें हैं कि यीशु के साथ उनका सम्बन्ध बना रहेगा?

मुझे उद्धार प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?

सर्वप्रथम यह जान ले कि परमेश्वर उद्धार प्राप्त करने के लिये क्या करने के लिए कहता है? बाईबल कहती है उद्धार सरल है। “यीशु मसीह पर विश्वास करें और आपको उद्धार प्राप्त होगा।” (प्रेरितों:१६:३१) उद्धार का आरंभ पश्चाताप से होता है: पापों का त्याग कर अपने आप पऱ या किसी अन्य की अपेक्षा केवल यीशु मसीह पऱ आश्रित होना। जब लोगों ने यीशु मसीह से पूछा कि परमेश्वर मनुष्य के किस कार्य को पसंद करते है उन्होंने कहा, “परमेश्वर आपसे सिर्फ यह चाहते है कि आप उस पर विश्वास करें जिन्हें परमेश्वर ने भेजा है। (यूहन्ना ६:२९)।

दूसरा, परमेश्वर ने हमसे किस बात की प्रतिज्ञा की है? उसने हमसे अनंत जीवन की प्रतिज्ञा की है (१ यूहन्ना २:२५)। आपको अनंत जीवन देने के लिए इसका मूल्य यीशु को अपना रक्त देकर, अपना जीवन देकर चुकाना पड़ा, परन्तु आपके लिये अब यह उद्धार सौजन्य है (इफिसियों २:८,९)।

बाइबल उद्धार के विषय में क्या कहती है?

  • यीशु अच्छा चरवाहा है, जिसने अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण दिए है (यूहन्ना १०:११) कोई उन्हें उसके हाथ से छीन नहीं सकता (यूहन्ना १०:२८,२९) ।
  • वे जो उसके पास आयेंगे वह कभी भी न निकाले (दूर किये जायेंगे) (यूहन्ना ६:३७)
  • क्योंकि परमेश्वर समय और इस संसार के आरंभ से ही सब कुछ जानते है उनका आपको स्वीकारना कभी गलत नहीं हो सकता। वह अपने वरदान वापस नहीं लेता, और वह अपनी बुलाहट से नहीं पलटता।(रोमियों ११:२९)।
  • परमेश्वर की संतानों पर पवित्रआत्मा की छाप लगी है-परमेश्वर की अपनी आत्मा जो आपके अंदर निवास करती है। परमेश्वर आपको अपनी संतान के रूप में देखते है और आप उन्हें अपने पिता के रूप में देख सकते हैं। (२ कुरिन्थियों १:२२; इफिसियों १:१३, ४:३०; रोमियों ८:१५)
  • आप परमेश्वर की कृपा में रखें गये हो, अपने अच्छे कार्यों की वजह से नहीं पऱन्तु स्वयं परमेश्वर के द्वारा: जो विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के सामर्थ के द्वारा युग के अन्त में प्रकट होने के लिए ठ़हराए हुए उद्धार के लिए सुरक्षित रखे गए हो, स्वर्ग में आरक्षित है. (१पतरस १:५)
  • परमेश्वर आपको अपना विश्वास छोड़ने से रोकने में सक्षम है। जब आप उससे उसकी महिमा के आनंदपूर्ण उत्सव में मिलेंगे तब वह आपको पवित्र एवं त्रुटिहीन प्रस्तुत करेगा। (यहूदा १:२४)

जैसे ही मैं यीशु की ओर ध्यान लगाता हूँ, परमेश्वर का सामर्थ्य और वचन मुझे मेरे उद्धार का आश्वासन देते है।

भावनाएं आतीं और जातीं हैं। हमारीं त्रुटियाँ/गलतियाँ कभी-कभी हमें यह सोचने पर मजबूर कर देतीं हैं कि क्या हमने उद्धार पाया भी है या नहीं? चाहें हम हों या नहीं यीशु विश्वासयोग्य है। परमेश्वर हमारे संघर्षो से परिचित है और हमें प्रेमपूर्वक यीशु की ओर ध्यान लगाने के लिए प्रेरित करते है। यदि आप केवल यीशु पर भरोसा रखतें हैं, उसके पवित्र जीवन पर, उसकी आपके लिए मृत्यु पर, उसके मृतकों में से जी उठने पर, उसके विश्वासयोग्य वचनों पर– तब आप निश्चय यह जान सकते है कि आपने उद्धार पाया है (१ यूहन्ना ५:१३)।